दुनिया के इन देशों में नहीं देना पड़ता एक भी पैसा टैक्स, ऐसे चलती है इनकी अर्थव्यवस्था!

दुनिया के इन देशों में नहीं देना पड़ता एक भी पैसा टैक्स, ऐसे चलती है इनकी अर्थव्यवस्था!
दुनिया के इन देशों में नहीं देना पड़ता एक भी पैसा टैक्स, ऐसे चलती है इनकी अर्थव्यवस्था!

Top Tax Free Countries In The World

किसी भी देश की अर्थव्यवस्था का आधार टैक्स होता है. भारत में ही देख लीजिए, इनकम टैक्स लोगों की कमाई के हिसाब से लगता है. कम कमाने वालों को कम टैक्स देना पड़ता है, और ज्यादा कमाने वालों को ज्यादा. भारत में इनकम टैक्स की सबसे ऊंची दर 39 फीसदी है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि दुनिया में कुछ ऐसे देश भी हैं, जहां एक रुपये का भी टैक्स नहीं देना पड़ता? जी हां, इन देशों में लोग अपनी कमाई का पूरा हिस्सा अपने पास रख सकते हैं. सवाल ये उठता है कि आखिर इन देशों की अर्थव्यवस्था कैसे चलती है? चलिए आपको बताते हैं उन देशों के बारे में, जहां टैक्स का झंझट बिल्कुल नहीं है और उनकी इकोनॉमी भी मजबूत बनी रहती है.

यूएई: तेल और टूरिज्म की ताकत

संयुक्त अरब अमीरात यानी यूएई का नाम टैक्स-फ्री देशों में सबसे पहले आता है. यहां न तो इनकम टैक्स है और न ही कोई दूसरा डायरेक्ट टैक्स. सरकार वैट (वैल्यू एडेड टैक्स) जैसे अप्रत्यक्ष करों और अन्य शुल्कों से अपनी जरूरतें पूरी करती है. यूएई की अर्थव्यवस्था तेल और पर्यटन पर टिकी है. दुबई और अबू धाबी जैसे शहर दुनिया भर के पर्यटकों को आकर्षित करते हैं. शॉपिंग मॉल्स, लग्जरी होटल्स और टूरिज्म से होने वाली कमाई इतनी ज्यादा है कि सरकार को जनता से टैक्स लेने की जरूरत ही नहीं पड़ती. यही वजह है कि यूएई में लोग अपनी पूरी कमाई अपने पास रख सकते हैं.

बहरीन: खाड़ी का एक और टैक्स-फ्री देश

खाड़ी देशों में बहरीन भी उन देशों में शामिल है, जहां इनकम टैक्स नाम की कोई चीज नहीं है. यहां के नागरिकों को अपनी कमाई का एक भी हिस्सा टैक्स के रूप में नहीं देना पड़ता. बहरीन की सरकार भी तेल और अन्य संसाधनों से होने वाली कमाई पर निर्भर करती है. इसके अलावा, यहां की मजबूत बैंकिंग और फाइनेंशियल सेक्टर भी अर्थव्यवस्था को सपोर्ट करता है. यही वजह है कि बहरीन में टैक्स-फ्री सिस्टम सालों से चल रहा है.

कुवैत: तेल की ताकत से चमकता देश

कुवैत भी टैक्स-फ्री देशों की लिस्ट में शामिल है. इस खाड़ी देश की अर्थव्यवस्था पूरी तरह तेल पर निर्भर है. कुवैत दुनिया के सबसे बड़े तेल निर्यातक देशों में से एक है. तेल से होने वाली भारी-भरकम कमाई की वजह से सरकार को अपने नागरिकों से इनकम टैक्स लेने की जरूरत नहीं पड़ती. यहां न तो व्यक्तिगत आयकर है और न ही कोई दूसरा डायरेक्ट टैक्स. तेल की ताकत ने कुवैत को आर्थिक रूप से इतना मजबूत बना दिया है कि जनता को टैक्स के बोझ से मुक्त रखा गया है.

सऊदी अरब: अप्रत्यक्ष करों का सहारा

सऊदी अरब भी उन देशों में शुमार है, जहां डायरेक्ट टैक्स का कोई सिस्टम नहीं है. यहां के लोगों को अपनी कमाई का एक भी पैसा टैक्स के तौर पर नहीं देना पड़ता. हालांकि, सऊदी अरब में अप्रत्यक्ष करों का सिस्टम काफी मजबूत है. वैट और अन्य शुल्कों से सरकार को इतनी कमाई हो जाती है कि डायरेक्ट टैक्स की जरूरत ही नहीं पड़ती. सऊदी अरब की अर्थव्यवस्था भी तेल पर आधारित है, और इसकी गिनती दुनिया की सबसे समृद्ध अर्थव्यवस्थाओं में होती है.

द बहमास: पर्यटकों का स्वर्ग, टैक्स-फ्री जिंदगी

वेस्टर्न हेमिस्फीयर में बसा द बहमास पर्यटकों के लिए किसी जन्नत से कम नहीं है. खूबसूरत समुद्र तट और शानदार रिसॉर्ट्स की वजह से ये देश टूरिज्म का बड़ा हब है. खास बात ये है कि यहां के नागरिकों को इनकम टैक्स नहीं देना पड़ता. सरकार टूरिज्म और अन्य अप्रत्यक्ष करों से अपनी जरूरतें पूरी करती है. यही वजह है कि द बहमास में लोग टैक्स-फ्री जिंदगी जीते हैं.

ब्रुनेई: तेल और गैस का खजाना

साउथ ईस्ट एशिया में बसा इस्लामिक देश ब्रुनेई तेल और गैस के भंडार के लिए जाना जाता है. यहां भी लोगों को किसी तरह का इनकम टैक्स नहीं देना पड़ता. ब्रुनेई की अर्थव्यवस्था तेल और गैस के निर्यात पर टिकी है, जो इसे आर्थिक रूप से काफी मजबूत बनाती है. सरकार को तेल से इतनी कमाई हो जाती है कि उसे जनता से टैक्स लेने की जरूरत ही नहीं पड़ती.

ओमान: खाड़ी का एक और रत्न

खाड़ी देश ओमान भी टैक्स-फ्री देशों की लिस्ट में शामिल है. यहां भी तेल और गैस के बड़े भंडार हैं, जो अर्थव्यवस्था का आधार हैं. ओमान में लोगों को इनकम टैक्स से पूरी तरह छूट है. सरकार तेल निर्यात और अन्य स्रोतों से होने वाली कमाई से देश का खर्च चलाती है.

कतर: छोटा देश, बड़ा दम

कतर भले ही छोटा देश हो, लेकिन इसकी अर्थव्यवस्था की ताकत किसी से छिपी नहीं है. तेल और गैस के क्षेत्र में कतर का दबदबा है. यहां के लोग बेहद अमीर हैं, और सबसे खास बात ये है कि उन्हें कोई इनकम टैक्स नहीं देना पड़ता. कतर की सरकार तेल और गैस से होने वाली कमाई पर निर्भर करती है, जिससे देश की सारी जरूरतें पूरी हो जाती हैं.

मोनाको और नौरू: टैक्स-फ्री छोटे देश

यूरोप का छोटा सा देश मोनाको भी टैक्स-फ्री है. यहां सरकार अपने नागरिकों से इनकम टैक्स नहीं वसूलती. मोनाको की अर्थव्यवस्था टूरिज्म, रियल एस्टेट और फाइनेंशियल सेक्टर पर टिकी है. दूसरी ओर, दुनिया का सबसे छोटा द्वीप राष्ट्र नौरू भी टैक्स-फ्री है. यहां की अर्थव्यवस्था फॉस्फेट माइनिंग और अन्य स्रोतों पर निर्भर करती है.

क्यों हैं ये देश टैक्स-फ्री?

इन देशों की टैक्स-फ्री नीति का सबसे बड़ा कारण उनकी प्राकृतिक संसाधनों की ताकत है. खासकर खाड़ी देशों में तेल और गैस के भंडार इतने ज्यादा हैं कि सरकार को टैक्स की जरूरत नहीं पड़ती. इसके अलावा, टूरिज्म और अप्रत्यक्ष करों से भी इन देशों को अच्छी-खासी कमाई हो जाती है. यही वजह है कि ये देश अपनी जनता को टैक्स के बोझ से मुक्त रखते हैं और उनकी अर्थव्यवस्था भी मजबूत बनी रहती है.

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